ये बहता हुआ पसीना भी कहेगा वसंत तो वसंत है वसंत ही रहेगा। ये बहता हुआ पसीना भी कहेगा वसंत तो वसंत है वसंत ही रहेगा।
एक विषय पर कविता...। एक विषय पर कविता...।
रस छंद का भाव हमेशा मेरी कविता मे नही रहता है । रस छंद का भाव हमेशा मेरी कविता मे नही रहता है ।
सितारों की महफ़िल में बदनाम हो गये ! लोग तो आफ़ताब कभी चाँद समझने लगते मगर हम नाम लिखकर भी गुमन... सितारों की महफ़िल में बदनाम हो गये ! लोग तो आफ़ताब कभी चाँद समझने लगते मगर ह...
'भोलूराम ' तो चल दिये मुझे ऊपर से नीचे झाड़कर । उनके इस भाषण पर दोस्तों मैनें लिखी ये कविता 'कवि ... 'भोलूराम ' तो चल दिये मुझे ऊपर से नीचे झाड़कर । उनके इस भाषण पर दोस्तों मैनें...
पाप का भागी कौन है यह कहना तो मु्श्किल है । पाप पुण्य भी समझ न आये भेदभाव कुछ समझ न आये । पाप का भागी कौन है यह कहना तो मु्श्किल है । पाप पुण्य भी समझ न आये भेदभाव कुछ...